बैंक कर्मचारियों की लापरवाही के चलते एक युवक के बैंक खाते में 20 लाख रुपए आ गए। युवक इसे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की और से भेजा ईनाम समझ बैठा और पैसे लौटाने से इनकार कर दिया। जिसके बाद बैंककर्मी पैसों के वापसी के लिए चक्कर काटते फिरे।
मामला अंबिकापुर स्थित इंडसइंड बैंक का है। जहां लुण्ड्रा विकासखंड के ग्राम पंचायत असकला निवा जगेश्वर सिंह ने बैक में लोन के लिए आवेदन किया था। ये आवेदन उसने राष्ट्रीय बागवानी निर्माण योजना के तहत पैक हाउस बनाने के लिए किया था।
उद्यान विभाग की और से जारी इस योजना के तहत आवेदनकर्ता को 2 लाख रुपये का अनुदान सरकार से भी मिलना था। ऐसे में जगेश्वर सिंह ने इस लोन के लिए पैक हाउस का निर्माण भी करवा लिया। प्रक्रिया पूरी होने के बाद बैंक ने जगेश्वर सिंह के खाते में अनुदान की राशि ट्रांसफर की।
अनुदान की राशि ट्रांसफर करने के दौरान बैंककर्मी से गलती हो गई। उसने 2 लाख रुपये की जगह बैंक कर्मचारी ने 20 लाख रुपए जनपद सदस्य के खाते में ट्रांसफर कर दी। 20 लाख रुपये खाते में आते ही उसने 14 लाख रुपए निकाल अपने निजी कार्यों में खर्च कर दी।
इस बारे में बैंक को जैसे ही पता चला। बैंककर्मियों के होश उड़ गए। जब इंडसइंड बैंक प्रबंधन को मामले की जानकारी लगी तो उन्होने राशि वसूलने की कोशिश शुरू की। जब बैंक प्रबंधन जगेश्वर सिंह से 18 लाख रुपए लेने पहुंचा तो उसने साफ कह दिया कि उसे पीएम मोदी ने पैसे भेजे है।
हालांकि आखिर में वह बचे हुए 6 लाख रुपए लौटाने के लिए तैयार हुआ। लेकिन अब भी बैंककर्मी बाकि पैसों के लिए उसके घर के चक्कर काट रहे है।