राजस्थान में अलवर जिले के राजगढ़ में 300 साल पुराने शिव मंदिर को बुलडोजर से जमींदोज कर दिया गया। साथ ही तीन अन्य मंदिरों पर भी ऐसी ही कार्रवाई की गई। मंदिरो को गिराने का फैसला नगर पालिका के बीजेपी बोर्ड ने लिया था। जिसमे भाजपा के 35 में से 32 पार्षद हैं।
राजनतिक बयानबाजी के बाद कलेक्टर शिवप्रसाद ने एक प्रेस नोट जारी करते हुए कहा कि नगर पालिका चेयरमैन सतीश दुहारिया एवं अन्य ने अवैध अतिक्रमण हटाने के संबंध में 8 सितंबर 2021 को सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करवाया था। इसमें मेला का चौराहा से गोलचक्कर तक के मुख्य रास्ते से मास्टर प्लान में बाधा का उल्लेख किया गया था। इस संबंध नगर पालिका द्वारा 6 अप्रैल, 2022 को नोटिस भी जारी किए गए थे।
कलेक्टर ने बताया कि अधिशासी अधिकारी राजगढ़ ने 12 अप्रैल 2022 को अतिक्रमण हटाने के लिए पुलिस बल की मांग की गई थी। कलेक्टर के मुताबिक इस कार्रवाई में किसी भी व्यक्ति का वैध अतिक्रमण नहीं हटाया गया। साथ ही इस कार्रवाई का किसी ने विरोध भी नहीं किया था। उन्होंने कहा कि मंदिर से पहले मूर्तियों को ससम्मान हटाया गया, फिर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई।
Alwar, Rajasthan | A consensus decision was taken during the municipality meeting to remove the illegal encroachments present on the roadside. Before the encroachment drive, the temple priests shifted the idols to another place: District Magistrate Shivprasad Nakate pic.twitter.com/IY8CBlI9tI
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) April 22, 2022
वहीं राजगढ़ विधायक जौहरी लाल मीणा का कहना है कि मंदिर और अतिक्रमण भाजपा पार्षद और चेयरमैन के आदेश पर तोड़े गए। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रशासन और पालिका ही जिम्मेदार है।
स्थानीय एडवोकेट सुरेंद्र माथुर ने बताया कि एक मंदिर 300 साल पुराना व दो मंदिर 150 से 200 साल पुराने थे। हमारी सात पीढ़ियां इस मंदिर की पूजा कर रही हैं। मंदिर के पुजारी परिवार से अंकित विजय ने कहा कि हम पूजा करते आ रहे हैं। मंदिर पर बुलडोजर चला दिया गया। उन्होंने नाले से निकाली शिव परिवार की मूर्तियां दिखाईं।